यहाँ लोकसभा की 80 सीट हैं
यहाँ प्रतेक सीट पर मुख्य रूप से तीन उम्मीदवार चुनाव लड रहे हैं
मेरे उत्तर प्रदेश में लगभग 100 आदमी दोस्त रिशतेदारों के रुप में रहते हैं
ये सभी लोग ग्रामीण इलाकों मे निवास करते हैं
इन सभी लोगों से हमने बसपा के लोकसभा चुनाव का रिपोर्ट कार्ड मांगा
सभी ने अपनी अपनी सीटों पर त्रिकोणीय लडाई बताया है
बताया जा रहा है जीत लाखों में नहीं होगी
हजार, दस बीस हज़ार से ही होगी
इस बात से सिद्ध होता है
बसपा का कोर दलित वोट आज भी उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ एक मुश्त होकर साथ खडा है
सपा ने जिन जनरल सीटों पर जाटव समाज का उम्मीदवार उतारा है
वहाँ भी दलित वोट चट्टान की तरह खडा होकर हाथी की सवारी कर रहा है
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डा कमल कर्दम
सिद्धार्थ विहार, गाजियाबाद