हिन्दू महासभा ने दशहरा पर जेहादमुक्त भारत निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया – बी एन तिवारी

न्यूज़ रिपोर्ट
नई दिल्ली, सत्य की असत्य और मानवता की दानवता पर विजय के दशहरा पर्व पर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने देशवासियों से जेहादमुक्त भारत निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि कलयुग में जेहाद मानवता और सनातन धर्म के लिए त्रेता युग के रावण की दानवी प्रवृति के समान ही घातक बन चुका है। जेहाद को भारत से समाप्त किए बिना राष्ट्र, धर्म और मानवता की न तो सुरक्षा संभव हो सकती है और न ही सनातनी स्वतंत्र और निर्भय होकर अपने त्यौहार मना सकते हैं।


हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी दी। जारी बयान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि जिस प्रकार त्रेता युग में रावण के राक्षस गण अपनी हिंसक प्रवृत्ति से यज्ञ – हवन में अपवित्र वस्तु डालकर यज्ञ – हवन भंग कर देते थे और रावण की सत्ता को स्वीकार न करने वाले मनुष्यों के जीवन को समाप्त करना ही अपनी विजय का प्रतीक मानते थे। ऐसे ही कलयुग में जेहादी भी अपनी हिंसक प्रवृत्ति से रावण युग की वृत्ति का अनुसरण कर अपनी विचारधारा और पंथ को सम्पूर्ण विश्व पर थोपने और जेहाद का विरोध कर शांति और सद्भाव का मार्ग प्रशस्त करने वाले अन्य धर्म एवं पंथ के अनुयायियों की संपत्ति लूटने, स्त्रियों का हरण करने और पुरुषों की हत्या करने का अमानवीय कृत्य कर रहे हैं। रावण वृति के जेहादियों का अंत करने का संकल्प लेना और संकल्प को पूर्ण करने के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करना ही दशहरा पर्व को सार्थकता प्रदान करता है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने बताया कि हिन्दू महासभा का दशहरा पर्व से बहुत ही गहरा संबंध है। ब्रिटिश युग मे देश को स्वतंत्र करवाने और हिंदुओं को सशस्त्र बलशाली बनाने के लिए सन 1925 के दशहरा पर्व के दिन ही हिन्दू महासभा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आर एस एस ) की स्थापना कर सनातन धर्म के इतिहास में एक नए युग का सूत्रपात किया था। संघ का लक्ष्य हिंदुओं को संस्कारवान बनाना और शस्त्र प्रशिक्षण के माध्यम से धर्म और राष्ट्र के प्रति समर्पित योद्धा तैयार करना था।
बी एन तिवारी ने बताया कि संघ द्वारा शस्त्र प्रशिक्षण प्राप्त हिन्दू नव युवकों को वीर सावरकर की प्रेरणा से ब्रिटिश सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया गया। वीर सावरकर की प्रेरणा से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने जापान के जापान हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रास बिहारी बोस से आजाद हिन्द फौज की कमान लेकर दिल्ली चलो का नारा दिया तो संघ द्वारा प्रशिक्षित ब्रिटिश सेना में शामिल हुए हिन्दू सैनिकों ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ हथियार उठाने से इंकार कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को निर्णायक मोड़ देकर भारत को ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्र करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि ” राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनिकीकरण ” के संकल्प को साकार करने के लिए संघ को एक बार पुनः हिन्दू नौजवानो को शस्त्र प्रशिक्षण प्रदान करने का अभियान आरंभ करना चाहिए।

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