नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधि मंडल ने रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल को दाखिला घोटाला और भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज सौंपते हुए दाखिला घोटाला के आरोपी दिलबाग सिंह को सस्पेंड करने की मांग की। दिलबाग सिंह पर आरोप है कि दाखिला घोटाला में आरोपी होने और न्यायालय में वाद लंबित होने के बावजूद भ्रष्टाचार के माध्यम से नौकरी पर न केवल बहाल हुए, वरन प्रशासनिक अधिकारी पद पर पदोन्नति भी ले ली।
हिन्दू महासभा आरोपी दिलबाग सिंह के विरुद्ध पांच माह से आंदोलन कर रही है। प्रतिनिधि मंडल ने आज प्रिंसिपल को दस्तावेज़ सौंपे, जिसके आधार पर प्रिंसिपल ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषी के विरुद्ध समुचित करवाई का आश्वासन दिया। पहले यह दस्तावेज पहली अक्टूबर को सौंपे जाने थे किंतु आरोपी प्रशासनिक अधिकारी दिलबाग सिंह ने व्हाट्सअप कॉल करके प्रिंसिपल के छुट्टी होने की जानकारी देकर प्रतिनिधि मण्डल को रामजस कॉलेज पहुंचने से रोक दिया था। हालांकि बाद में दिलबाग सिंह द्वारा दी गई जानकारी झूठी निकली।
प्रिंसिपल को सौंपे गए दस्तावेजों में दिलबाग सिंह के विरुद्ध दाखिला घोटाला का लंबित न्यायिक वाद, 2011 से 2015 तक सस्पेंड रहने, दाखिला घोटाला में 24 मार्च 2017 का सस्पेंशन लेटर, रामजस कॉलेज गवर्निग बॉडी का दिलबाग सिंह के विरुद्ध पारित निर्णय, दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद का निर्णय और अखिल भारत हिन्दू महासभा द्वारा विभिन्न मंत्रालयों और दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार से संबंधित दस्तावेजों 169 पृष्ठ शामिल हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर दिलबाग सिंह को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की गई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने रामजस कॉलेज से मिले आश्वासन पर कहा कि इस आश्वासन से भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का बल मिला है। उन्होंने कहा कि 15 दिन में सकारात्मक परिणाम नहीं मिला तो हिन्दू महासभा इस प्रकरण की जांच अपराध शाखा से करवाने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के समक्ष प्रदर्शन की रणनीति तैयार करेगी।
जारी बयान के अनुसार प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री केशव चंद्र मल्होत्रा, राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र सिंह राजू पार्चा, प्रदेश कार्यालय मंत्री राजकुमार भल्ला और प्रचार मंत्री जय सिंह शामिल थे।