विचारधारा शांति सद्भावना की प्रतीक प्रसिद्ध समाज सेविका दीदी निर्मला देश पांडे जी की 17वीं निर्माण दिवस दिल्ली के जीटीबी नगर स्थित हरिजन सेवक संघ गांधी आश्रम में भारत के कई राज्यों के सहयोगियों सहित विदेश कई विदेश से भी लोग सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं
दीदी निर्मला देशपांडे जी वह शख्सियत थी जिनके कार्यों से प्रभावित होकर के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के साथ-साथ सभी विपक्षी पार्टियों की सर्व सहमति से उन्हें राष्ट्रपति पद देने का भी निश्चय हुआ जिन्होंने उन्हें एक बार नहीं कई बार ठुकराया यह कहकर कि इस पद में मैं बंद जाऊंगी मुझे तो लोगों के लिए सेवा कार्य करना है मेरे लोग मेरे साथी सहयोगी मेरा परिवार मुझसे मिल नहीं पाएगा मैं कैद होकर रह जाऊंगी इसलिए मुझे तो सिर्फ सेवा का कार्य करना है जनता के बीच रहना है
बस इन्हीं आदर्श को लेकर के मेरा भी एक प्रयास चल रहा है दीदी निर्मला देशपांडे जी से मैं काफी प्रभावित हूं
इस कार्यक्रम में मुझे डॉक्टर सुब्बाराव भाई जी के अवार्ड सर्टिफिकेट , पूरे देश में गरीब अनाथ बच्चों और वृद्ध जनों की सेवा करने के लिए सम्मानित किया गया जहां विनोबा भावे की मानस पुत्री के समान हरियाणा के पूर्व सरपंच और राष्ट्रीय युवा परिषद के हरियाणा अध्यक्ष आदरणीय सुरेश राठी जी ने मुझे मानस पुत्री स्वीकार कर मेरे कार्यों की सराहना की
यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं आप सभी से मिले प्रेरणा और हौसलों से है जिससे मेरा हौसला बढ़ता चला जाता है जैसा की राठी साहब ने भी कहा ना मुझे किसी भी प्रकार का लोभ नहीं है ना ही मुझे किसी पद की आकांक्षा है मुझे तो बस सिर्फ कार्य करते जाना है मेरी यह भावना लगभग पूरा भारत जहां भी मेरे से जुड़े लोग हैं जानते हैं
यह सम्मान मुझे नहीं समस्त भारत में पीड़ितअसहाय लोगों की सेवा और मदद सेवार्थ परमार्थ के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कार्यों को सत्य संकल्पित दृढ़ संकल्पित होने के लिए दिया गया यह सम्मान जाग मानव जाग परिवार का है यह सम्मान आप सभी का है आप सभी के साथ और सहयोग का है आप सभी से मिली प्रेरणा का है आप सभी से मिले हौसलों का है
जिसके लिए मुझे हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद देने वाले आदरणीय राठी जी का मैं हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करती हूं एक गुरु और पिता के रूप में मेरे कार्यों को सराहना की दिशा में जो उन्होंने अपनी पहल की है यह मेरे लिए मेरे मानव परिवार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है यह पूरा श्रेय आदरणीय राठी जी को जाता है जिनके सहयोग हर संभव मेरे साथ बना रहता है
जिन्होंने मुझे एक वक्ता के रूप में एक सेवक के रूप में बेटी के रूप में हर जगह मुझे सम्मान दिलवाया है