एसबीआई की ओर से कुल 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए। हर बॉन्ड के पीछे एक घोटाला है। कुछ नजीर देखिए-

केस नंबर 1

2 अप्रैल 2022 : फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज की 409 करोड़ की संपत्ति ED ने अटैच की।

7 अप्रैल 2022 : कंपनी ने 100 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर चंदा दिया। किसको दिया होगा? रेड फिर क्यों नहीं पड़ी?

केस नंबर 2

अप्रैल 2023 : मेघा इंजीनियरिंग ने करोड़ों का चंदा दिया।

मई 2023 : मेघा इंजीनियरिंग को 14,400 करोड़ का प्रोजेक्ट मिल गया।

इन्हें चंदा मिला, उन्हें धंधा मिला।

केस नंबर 3

18 अगस्त 2022 : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक पूनावाला ने एक ही दिन में 52 करोड़ का चंदा दिया।

22 अगस्त 2022 : मोदी ने उनसे मुलाकात की। फिर क्या तमाशा हुआ, देश जानता है। कोविड वैक्सीन पर सीरम इंस्टीट्यूट को मोनोपोली बख्शी गई।

केस नंबर 4

खनन समूह वेदांता ने 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के इलेक्टोरल बॉन्ड दान किए।

फिर सरकारी कंपनी BPCL वेदांता को सौंप दी गई।

सरगना को मिला चंदा, पंटर को मिला धंधा

केस नंबर 5

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने 90 करोड़ के बॉन्ड खरीदे।

यही कंपनी उत्तराखंड में सुरंग बना रही थी। 41 मजदूर 17 दिनों के लिए फंस गए।

मामले की जांच तक नहीं हुई।

केस नंबर 6

गाजियाबाद स्थित यशोदा हॉस्पिटल पर कोविड के दौरान जनता से वसूली के आरोप लगे। यशोदा पर छापा पड़ा।

यशोदा हॉस्पिटल ने 162 करोड़ बॉन्ड खरीदे और दान करके वॉशिंग मशीन में धुल गया।

केस नंबर 7

टोरेंट पॉवर नाम की कंपनी ने 86.5 करोड़ का चंदा दिया।

कंपनी को गुजरात में 47000 करोड़ का सरकारी प्रोजेक्ट मिल गया।

ठेके कौन देता है? फिर चंदा किसको मिला?

चंदा दो, धंधा लो।

केस नंबर 8

IRB Infrastructure नाम की कंपनी ने जुलाई 2023 में करोड़ों का चंदा दिया।

कंपनी को अगले कुछ महीनों में लगभग 6000 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला।

केस नंबर 9

भाजपा सरकार ने मित्तल ग्रुप को गुजरात में सबसे बड़ा धंधा दिया।

मित्तल ग्रुप ने इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा को चांप कर चंदा दिया।

केस नंबर 10

पुलवामा हमले के बाद Hub Power Company नाम की पाकिस्तानी कंपनी ने भारत में इलेक्टोरल बॉन्ड क्यों खरीदा और किसे चंदा दिया, इसकी जांच नहीं होगी। जैसे पुलवामा हमले की जांच कभी नहीं हुई।

केस नंबर 11

दिसंबर, 2023 : शिरडी साई इलेक्ट्रिकल लिमिटेड पर छापा पड़ा।

जनवरी 2023 : शिरडी साई ने छप्पर फाड़कर चंदा दिया।

ElectoralBondsCase

ElectoralBondScam

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