न्यूज़ रिपोर्ट …
गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक शर्मसार करने देने वाला मामला सामने आया है. यहां कॉलेज में पढ़ने वाली कक्षा 9वीं की रेप पीड़ित छात्रा का स्कूल से नाम काट दिया गया. इतना ही नहीं, महिला टीचर ने पीड़िता की बड़ी बहन से कहा कि घर जाकर अपनी बहन से कहना कि अब तुम घर पर ही रहो, तुम्हारा नाम काट दिया गया है. अब तुम लोग उसकी शादी कर देना.
दरअसल, थाना इंदिरापुरम में 10 जुलाई को बच्ची के पिता ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में FIR दर्ज कराई. रिपोर्ट के मुताबिक सोहिल नाम का लड़का छात्रा को बहलाकर नोएडा ले गया. जहां उसके साथ होटल में जबरदस्ती दुष्कर्म किया और आपत्तिजनक अश्लील फोटो खींच लिया. फोटो वायरल करने की धमकी देकर पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहा था. रिपोर्ट के बाद पुलिस ने सोहिल को गिरफ्तार कर डासना जेल भेज दिया.
पीड़ित छात्रा एक गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ती है, जो क्लास 9 की छात्रा है. इस वारदात के बाद छात्रा कई दिनों तक स्कूल नहीं आई. मामले को लेकर छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी दूसरी बेटी भी उसी स्कूल में पढ़ती है. महिला टीचर ने उसे बुलाकर पूछा कि आपकी छोटी बहन क्यों नहीं आ रही? इस पर उसने कहा कि पापा आपसे स्कूल आकर बात करेंगे.
पिता के मुताबिक महिला टीचर ने उनकी दूसरी बेटी से कहा कि नहीं हमें पता है. पुलिस हमारे पास आई थी. हमें जानकारी है. टीचर ने पूछा कि तुम बताओ रियल बात क्या-क्या हुई? सब कुछ जानते हुए भी टीचर अनजान बन गईं. मेरी दूसरी बच्ची भी छोटी है. फिर भी उससे ऐसे सवाल पूछे गए.
पिता ने कहा कि हम गरीब आदमी हैं, कहां जाएं? क्या हमारी बच्ची का भविष्य यहीं खत्म हो जाएगा? अब जो हो गया, सो हो गया. अब क्या करें? जो मुल्जिम था, उसको हमने जेल भिजवा दिया. हमारी बच्ची अभी छोटी है. वो पढ़ना चाहती है. उसको पढ़ने दिया जाए. हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि हम प्राइवेट स्कूल में एडमिशन दिलाएं.
गाजियाबाद के DIOS धर्मेंद्र शर्मा ने कहा है कि यह सूचना मिली है. मैं स्कूल से इस बात को कन्फर्म करुंगा. अगर ऐसा है तो यह स्थिति बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है. निश्चित रूप से बच्ची का पठन-पाठन सुनिश्चित किया जाएगा. बच्ची की पढ़ाई नियमित रूप से जारी रहेगी.
गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल ने भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि स्कूल में 10 दिन तक गैरहाजिरी पर नाम काट देने का नियम बना हुआ है. ऐसी कई छात्राओं के नाम पिछले दिनों में कटे हैं. अगर पेरेंट्स शपथ पत्र पर बच्चों के स्कूल न आने की ठोस वजह लिखकर देते हैं तो हम नाम दोबारा जोड़ देते हैं.