पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पॉक्सो सहित कई गंभीर धाराएं लगाकर जेल भेज दिया। व्यक्ति 4 साल, 6 महीने, 8 दिन यानी कुल 1653 दिन जेल में रहा। जांच में आरोपी व्यक्ति बेगुनाह निकला। कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया।
यहां अपर सेशन जज ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एक अलग फैसला सुनाया। उन्होंने केस करने वाली लड़की को दोषी मानते हुए अब उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितना वह व्यक्ति रहकर आया है। साथ ही 5 लाख 88 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। ये पैसा पीड़ित व्यक्ति को मिलेगा।
ये फैसला एकदम जायज है। सजा का यह प्रावधान हो तो स्वाभाविक रूप से गलत केस लगाने की हिम्मत पर अंकुश लग जाएगा। श्याम बिहारी दक्षवंशी हंस टाइम न्यूज़