भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अरूण सागर, मुख्य संपादक

नई दिल्ली , भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । शिक्षक दिवस पर समता विहार में कार्यक्रम आयोजित कर भारत को भव्य और दिव्य बनाने का संकल्प लिया गया ।
पत्रकार अरुण सागर ने कार्यक्रम में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षक ( गुरु ) का स्थान भगवान से भी ऊंचा माना जाता है । एक गुरु ही मनुष्य को भगवान से मिलने का मार्ग दिखाता है ।
पत्रकार अरुण सागर ने कहा कि शिक्षक ही बच्चों को शिक्षा के माध्यम से तराशकर उन्हे एक योग्य नागरिक बनाता है और देश के प्रति अनुराग उत्पन्न करता है । उन्होंने कहा कि वो देश के समग्र शिक्षक समाज को नमन करते हैं ।
पत्रकार अरुण सागर ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे , जिन्होंने शिक्षक से राष्ट्रपति तक का सफर तय किया और अपना सारा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया । उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र सर्वपल्ली राधाकृष्णन की राष्ट्र के प्रति समर्पण भावना का ऋणी है और हमेशा ऋणी रहेगा ।
पत्रकार अरुण सागर ने कहा कि युवा पीढ़ी को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन और राष्ट्र के प्रति समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए । उन्होंने युवा पीढ़ी से सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ।

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