भारत की जानी-मानी सुप्रसिद्ध समाजसेविका दीदी निर्मला देशपांडे जी की 17वीं निर्वाण दिवस पर गांधी आश्रम हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शंकर कुमार सान्याल जी से विजयलक्ष्मी पांडे जी की बातचीत हुई इस बातचीत में डा सान्याल ने बताया कि शांति और सद्भावना की प्रतिमूर्ति थी दीदी निर्मला देशपांडे वह सभी जाति धर्म को समान रूप से अपने परिवार की तरह लेकर चलती थी इस कार्यक्रम में लंदन से जापान मलेशिया से कई दूसरी कंट्री के भी लोग आए यह दीदी का प्यार था निर्मला देशपांडे जी हरिजन सेवक संघ की पूर्व अध्यक्ष रही थी उनके बाद ही यह जिम्मेदारी सान्याल जी को सौंप गई
दीदी निर्मला देशपांडे जी सिर्फ भारत में ही नहीं भारत से बाहर कई कंट्रीज में भी अपना अस्तित्व ऐसा बनाए हुए थे कि लोग इनका आदर सम्मान करने के लिए उनके साथ चल पढ़ते थे क्योंकि यह गांधी की विचारधारा से प्रेरित थी और भारत में चल रही समस्याओं के लिए कार्यरत थी प्रत्येक कार्य को शांति का रूप देकर करती थी पक्ष विपक्ष की उसे समय की सारी पार्टियों भी इन्हें दीदी जी के नाम से पुकारती थी अपने कार्य में इतने तल्लीन थी कि इन्होंने कई बार राष्ट्रपति पद ठुकराया क्योंकि वह बनध कर सेवा का कार्य नहीं करना चाहती थी हरिजन सेवक संघ में सभी धर्म का सभी जाति वर्गों का आदर होता है यहां इंसानियत शांति की बात होती है