हिन्दू महासभा ने अयोध्या में गोपाल सिंह विशारद की प्रतिमा लगाने की मांग की – बी एन तिवारी

11 जनवरी 2024। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में हिन्दू महासभा का प्रतिनिधि मंडल ने सरयू नदी में स्नान के उपरांत सरयू मंदिर और नागेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन किए । प्रतिनिधि मंडल में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी प्रवीण सिंह चंदेल , राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी करपात्री जी महाराज , राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता , उत्तर प्रदेश मंत्री राकेश दत्त मिश्र , दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र झा , प्रदेश महामंत्री संजय भदौरिया , मंत्री बप्पी कुंडू , उमेश राठौर , हिन्दू गोरक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह राजावत शामिल थे ।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान मे यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि सरयू मंदिर और लव कुश द्वारा निर्मित नागेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने सरयू के पवन तट से जारी अपने एक वीडियो संदेश में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि अथवा सरयू तट पर गोपाल सिंह विशारद की आदम कद प्रतिमा लगाने की मांग की है ।
रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि दिसंबर 1949 में भगवान राम लला के प्रकट होने के उपरांत हिन्दू महासभा के तत्कालीन अयोध्या जिला अध्यक्ष गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद सिविल कोर्ट में राम लला की पूजा अर्चना के अधिकार के लिए वाद दायर किया था । सिविल कोर्ट ने गोपाल सिंह विशारद के वाद पर राम लला विराजमान की पूजा अर्चना का न्यायिक अधिकार प्रदान किया था । यही वाद 70 वर्षों की न्यायिक यात्रा करते हुए 2010 में उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय में हिंदुओं के पक्ष में निर्णय दिया था । उच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि का एक हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्षकारों को देने का विरोध करते हुए हिन्दू महासभा ने सर्वोच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी थी । 9 सितंबर 2019 को हिन्दू महासभा और निर्मोही अखाड़ा के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया । सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्णय को पलटते हुए मुस्लिम पक्षकारों को उच्च न्यायालय द्वारा दी गई भूमि को वापस लेकर हिंदुओं को सौंप दी थी । उसके बाद ही हिन्दू महासभा के प्रयासों से श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और 22 जनवरी 2024 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है ।
राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी करपात्री जी महाराज ने कहा कि गोपाल सिंह विशारद का मंदिर निर्माण में सबसे बड़ा योगदान रहा है , किंतु मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में गोपाल सिंह विशारद के योगदान और बलिदान को भुला दिया गया । यह न्यायसंगत नहीं है । गोपाल सिंह विशारद की प्रतिमा स्थापित कर उन्हे न्यायोचित सम्मान दिया जाना चाहिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *