अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के निर्देश पर लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर प्रधानमंत्री को शुभकामना संदेश भेजते हुए उन्हें और उनके नवीन मंत्रिमंडल के मंत्रियों को बधाई दी गई है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद कुमार त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ई मेल से पत्र भेजकर शुभकामनाएं और बधाई दी। हिन्दू महासभा ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि नरेंद्र मोदी राजग सरकार का नेतृत्व करते हुए सहयोगी दलों के साथ मिलकर विगत दो कार्यकाल के समान ही राष्ट्रहित और जनहित में निर्णय लेते हुए तीसरी बार अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद कुमार त्रिपाठी ने शुभकामना संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की। जारी बयान के अनुसार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने 13/4/2022 को नई दिल्ली के जंतर मंतर से भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का अभियान आरंभ किया था। मांग के समर्थन में हिन्दू महासभा ने प्रधानमंत्री को कई बार ज्ञापन भी दिया, किंतू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी व्यस्तताओं के चलते हिन्दू राष्ट्र निर्माण की मांग पर संज्ञान नहीं ले सके। उन्होंने नरेंद्र मोदी से अपने तीसरे कार्यकाल में संसद के दोनो सदनो में विधेयक पारित कर भारत को संवैधानिक रूप से भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री ललित अग्रवाल ने जारी बयान में बताया कि हिन्दू महासभा ने शुभकामना संदेश में नरेंद्र मोदी से गठबंधन सरकार में आने वाली बाधाओं को अपने स्वविवेक से दूर करते हुए तीसरा कार्यकाल पूर्ण करने और 2029 में 400 पार का अधूरा मिशन पूरा कर लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनकर एक नया इतिहास रचने का विश्वास जताया है।
हिन्दू महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर गीता रानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने कुशल नेतृत्व में भारत को विश्व की राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक महाशक्ति बनाने का आह्वान किया।
हिन्दू महिला सभा की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर प्रियंका उपाध्याय शुक्ला ने कहा कि हिन्दू महासभा राजग सरकार के राष्ट्रहित एवम जनहित के निर्णयों का स्वागत करेगी और अहित के निर्णयों पर उन्हे सचेत करते हुए उनका मार्गदर्शन करने की भूमिका का निर्वहन करने की नीति पर चलेगी।