एक सिपाही दो जिलों के कप्तान पर पड़ रहा भारी

दिलीप कुमार
ब्यूरो चीफ – बस्ती

स्थानान्तरण हुए दो माह से ऊपर का समय बीता , नहीं दे रखा मालखाने का चार्ज

बिना चार्ज दिए किसकी मिलीभगत से गैर जनपद स्थानान्तरित हुआ सिपाही, बना जाँच का विषय

कप्तानगंज थाने से स्थानान्तरित हुए सिपाही हृदय नारायण तिवारी से जुड़ा मामला

     बस्ती संवाददाता - अपनी तैनाती के दौरान चर्चा में बने रहने वाला उ0प्र0 पुलिस का सिपाही हृदय नारायण तिवारी गैर जनपद बहराइच स्थानान्तरित होने के बाद भी अभी तक अन्तिम तैनाती स्थल कप्तानगंज थाने के मालखाने का चार्ज दिए बगैर ही रिलीब हो गया है । अन्तिम तैनाती स्थल का चार्ज दिए बगैर सिपाही गैर जनपद कैसे स्थानान्तरित हो गया अपने आप में एक निरुत्तरित प्रश्न जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है ।
             प्राप्त समाचार के अनुसार अभी कुछ महीनों पहले शुरू हुई स्थानान्तरण प्रक्रिया में कप्तानगंज थाने में तैनात सिपाही हृदय नारायण तिवारी का स्थानान्तरण अन्यत्र जनपद बहराइच के लिए हो चुका है । कप्तानगंज में तैनाती के दौरान भी हृदय नारायण तिवारी सुर्खियो में रहते थे , कप्तानगंज से अन्यत्र जनपद बहराइच स्थानान्तरित होने के बाद भी हृदय नारायण तिवारी अपने कारनामों के चलते चर्चा में बने हैं । सूत्रों की माने तो कप्तानगंज थाने के मालखाने का चार्ज दिए बगैर ही हृदय नारायण विभागीय मिलीभगत के चलते बहराइच के लिए स्थानान्तरित हो गए हैं , जिसके कारण मालखाने से जुड़े कार्य ठप हैं परन्तु हृदय नारायण तिवारी के रसूख के आगे बस्ती व बहराइच दोनों जिलों के पुलिस कप्तान बौने साबित हो रहे हैं , और हृदय नारायण तिवारी बेखौप मालखाने का चार्ज दिए बगैर अधिकारियों को छकाने से जरा भी गुरेज नहीं कर रहा है । नियमों व शासनादेशों की यदि बात करें तो स्थानान्तरण प्रक्रिया में स्थानान्तरित कर्मचारी/ अधिकारी को रिलीविंग से पूर्व अन्तिम कार्यस्थल का चार्ज अपने प्रतिस्थानी कर्मचारी /अधिकारी को देकर ही रिलीविंग प्राप्त होनी चाहिए परन्तु हृदय नारायण तिवारी बिना मालखाने का चार्ज दिए ही कैसे जनपद बहराइच के लिए स्थानान्तरित हो गए , जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है ।

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