नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा ने देश के राष्ट्रवादी महानायक महात्मा नाथू राम गोडसे के जन्मदिवस पर हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने उन्हें नमन करते हुए उन्हे सच्चा राष्ट्र भक्त और धर्मरक्षक बताया। उन्होंने नाथूराम गोडसे को महात्मा की उपाधि देते हुए कहा कि नाथूराम गोडसे ने स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान दिया और देश विभाजन के बाद शेष भारत का इस्लामीकरण रोकने के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अमरत्व को प्राप्त हुए । अल्पायु में ही नाथूराम गोडसे ने अपने जीवन का राष्ट्र और धर्म पर बलिदान देकर सिद्ध कर दिया कि वो महात्मा कहलाने योग्य हैं।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी दी। जारी बयान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि महात्मा नाथूराम गोडसे हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री रहे, जो प्रत्येक हिन्दू महासभाइ के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस शासन काल में इस्लाम को संरक्षण देकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र में शामिल होने वाले राज नेताओं को महिमामंडित किया गया, जबकि स्वधर्म, स्वराष्ट्र, स्वभाषा, स्वपरंपराओं, स्वसहित्य, स्वग्रंथों और स्व इतिहास की रक्षा करने वाले वीरों वीरांगनाओं को उपेक्षित कर दिया गया। लेकिन पिछले दस वर्षों में परिस्थितियां बदली हैं और जेहाद तथा जेहादियों का तंत्र कमजोर हुआ है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री ललित अग्रवाल ने देश के बहुसंख्यकों से सन 1910 में महाराष्ट्र के अमरावती में अवतरित हुए हुतात्मा गोडसे के राष्ट्रवादी विचारधारा का अनुसरण कर भारत को जेहादमुक्त बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गत वर्ष गोडसे जयंती पर हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने आगरा में गोडसे मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन किया था। उस भूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र आरंभ होगा। उन्होंने देश के प्रत्येक जनपद में गोडसे मंदिर का निर्माण करवाने की घोषणा करते हुए कहा कि देश में गांधीवाद और नेहरूवाद का तिलिस्म ध्वस्त हो रहा है, जबकि वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे की विचारधारा अंगड़ाई लेकर धीरे धीरे उभर रही है। यह भारत को जेहाद और आतंकवाद से मूक्त करवाने की दिशा में शुभ संकेत है।