नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा ने देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर उनका स्मरण करते हुए उनकी मृत्यु के कारणों को देश की जनता के समक्ष सार्वजनिक करने की मांग की है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए कहा कि ताशकंद समझौता के दौरान लाल बहादुर शास्त्री की विष देकर हत्या कर दी गई थी। उस समय केंद्र सरकार ने हृदयगति रुकने से मृत्यु होना घोषित किया था, जबकि शास्त्री जी का शव नीला पड़ गया था, जो विष के प्रभाव से मृत्यु होने की तरफ इशारा कर रहा था। शास्त्री के समर्थकों ने जांच की मांग की तो तत्कालीन सरकार से एच एन कुंजरान की अध्यक्षता में समिति का गठन कर मृत्यु के कारणों की जांच का उत्तरदायित्व सौंपा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि कुंजरन आयोग ने जांच रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सौंपी। इंदिरा गांधी ने आयोग की रिर्पोट को संसद के पटल पर प्रस्तुत करने के स्थान पर रिपोर्ट को दबा दिया। तब से आज तक शास्त्री जी की मृत्यु आज भी एक रहस्य बनी हुई है।
हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए बताया कि देशवासियों को अपने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के वास्तविक कारणों को जानने का पूरा अधिकार है। भारत सरकार अविलंब कुंजरन आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर पूर्व प्रधानमंत्री की मृत्यु के रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास करें। यह जानना भारत के नागरिकों का अधिकार है।