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Delhi Liquor Scam मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी है. जानकारी के मुताबिक, केजरीवाल को ये जमानत 1 लाख रुपये के बेल बांड पर मिली है.
बता दें कि EDका प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी एसवी राजू ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि 7 नवंबर 2021 को अरविंद केजरीवाल होटल ग्रैंड हयात में ठहरे थे. दो किस्तों में 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. इसका भुगतान चनप्रीत सिंह ने अपने बैंक खाते से किया था. एएसजी एसवी राजू ने कहा कि चनप्रीत वह व्यक्ति है जिसने अलग-अलग ‘अंगड़िया’ से 45 करोड़ रुपये लिए थे. उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है.
एएसजी ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि चनप्रीत ने गोवा में केजरीवाल के होटल का बिल चुकाया था. कोर्ट ने उसे जमानत देने से इनकार कर दिया. पिछली सुनवाई में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि पूरा मामला केवल गवाहों के बयान पर आधारित है.
कोर्ट ने ED की याचिका की ख़ारिज
ED ने कोर्ट से अपील की कि बेल बॉन्ड पर साइन करने के लिए 48 घंटे का समय दिया जाए ताकि आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जा सके. जज ने कहा है कि आदेश पर कोई स्टे नहीं होगा. ट्रायल कोर्ट ने कहा कि कल बेल बॉन्ड को ड्यूटी जज के सामने पेश किया जाएगा. केजरीवाल शुक्रवार को जेल से बाहर निकल सकते हैं. माना जा रहा है ईडी केजरीवाल की रिहाई से पहले दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर सकती है और निजली अदालत के आदेश पर रोक की मांग कर सकती है.
21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से मई में उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी गई थी. 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था, तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. अरविंद केजरीवाल ने सरेंडर करने के बाद नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की थी