तीसरे संत गुरु अमर दास जी की जयंती पर संगतों ने सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में मत्था टेका।

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श्री गुरु अमरदास जी की जयंती आज विदेशों में भी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है

वहीं, शिरोमणि कमेटी ने प्रकाश पर्व पर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त इंतजाम किये हैं.

श्री गुरु अमर दास जी के प्रकाशोत्सव पर श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में स्नान कर सरबत के भले की अरदास की।

इस मौके पर दरबार साहिब के मैनेजर और श्रोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भी श्रद्धालुओं को इस पवित्र दिन की बधाई दी.

उनके कहे श्लोकों से जुड़ें और विद्वान बनें

इस अवसर पर रहरस के पाठ के बाद दीप माला पर आतिशबाजी भी की जायेगी.

अमृतसर आज सिखों के तीसरे राजा गुरु अमरदास साहिब की जयंती सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में श्रद्धापूर्वक मनाई जा रही है, गुरु घर में मत्था टेका लेकिन इस अवसर पर बात करते हुए प्रबंधक दरबार साहिब भगवंत ने सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की सिंह एवं श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु अमरदास जी सिखों के तीसरे गुरु हुए हैं. आप जी का जन्म 1479 ई. को ग्राम बासरके, जिला अमृतसर में भल्ला परिवार में पिता तेजभान एवं माता लाखो जी के घर में हुआ था। आपजी के घर दो पुत्र मोहन जी और मोहरी जी तथा दो पुत्रियाँ बीबी दानी जी और बीबी भानी जी का जन्म हुआ। 1552 ई. में आप जी को गद्दी मिली। आप जी ने सिख धर्म के प्रचार के लिए कई कार्य किये जैसे गोइंदवाल में बौली का निर्माण, लंगर प्रथा का विस्तार आदि। आप जी ने जाति व्यवस्था, छूत-छूत, रीवा दा परदे और जाति व्यवस्था जैसी बुराइयों का सुधार किया। उन्होंने कहा कि आज हमें गुरुजी के बताये रास्ते पर चलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बानी से जुड़ें और शिक्षित बनें. इस मौके पर उन्होंने देश-विदेश में रहने वाली सिख नाम लेवा संगत को इस पवित्र दिन की बधाई दी. वहीं, शिरोमणि कमेटी ने इस दिन सचखंड श्री हरमंदिर साहिब आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है. साथ ही उन्होंने कहा कि रहरस के पाठ के बाद दीप माला पर आतिशबाजी भी की जायेगी.

बाइट:—प्रबंधक दरबार साहिब भगवंत सिंह

बाइट:–सरधालु

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